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Monday, December 23, 2024
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इस समय को हम नहीं, पूरे विश्व का अमृतकाल मान सकते हैं – विभाष उपाध्याय

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भारत और भारतीय सोच में कभी भी सीमाएं नहीं रहीं हैं। हमने सदैव “सर्वे भवंतु सुखिनः” की भावना को प्रमोट किया है, जिसके परिणामस्वरूप, सैकड़ों वर्षों तक आघातों का सामना करते हुए भी हमने अपनी भारतीयता को सुरक्षित बनाए रखा है। इस दृष्टिकोण ने हमें न केवल स्वयं को सुरक्षित रखने की क्षमता प्रदान की है, बल्कि अब हम संपूर्ण विश्व की आशाओं का केंद्र भी बन गए हैं।

2047 तक का अमृतकाल हमारे लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण समय होगा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, हम सभी को युवा शक्ति को सर्वोत्तम राष्ट्र निर्माण में समर्पित करने का संकल्प लेना चाहिए। हम विश्व के सबसे बड़े युवा जनसंख्या वाले देश के रूप में विकसित भारत की संकल्पना को पूरा करने और समृद्धि की दिशा में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय सेवा योजना ने मिलकर राष्ट्रीय युवा संसद का आयोजन किया। इस शानदार राष्ट्रीय युवा सम्मेलन में, इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर और आगर मालवा के युवा सक्रिय भाग लेने का अवसर मिला। नेहरू युवा केंद्र संगठन के मध्य प्रदेश के उपनिदेशक श्री अरविंद श्रीधर ने बताया कि राष्ट्रीय युवा संसद का आयोजन माननीय प्रधानमंत्री महोदय की इस इच्छा पर केंद्रित है कि युवाओं को राष्ट्र निर्माण के संबंध में अपने विचार खुलकर व्यक्त करना चाहिए, साथ ही नीति निर्माताओं द्वारा युवाओं के विचारों को गंभीरता से सुना जाना चाहिए। नेहरू युवा केंद्र देवास द्वारा आयोजित युवा संसद में प्रोफेसर सीमा सोनी, दिलीप सिंह परमार, अरविंद त्रिवेदी(ख्यातिप्राप्त टी वी प्रस्तोता), श्री चेतन उपाध्याय एवं श्री मोहन वर्मा (ख्याति प्राप्त साहित्यकार) ने निर्णायक की भूमिका निभाई। युवा संसद का संचालन श्री अनिल कुमार जैं एवं श्री यश दुबे ने किया।

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