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Tuesday, December 24, 2024
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हरदा फैक्ट्री ब्लास्ट की कहानी अमीन बी की ज़ुबानी

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कैसे इस हादसे में अपना एक हाथ गवा चुकी अमीन

भोपाल से करीब 150 किलोमीटर दूर हरदा में मगरधा रोड पर संचालित पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट को तीन दिन बीत चुके हैं। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 217 लोग घायल हो गए। इनमें से 14 घायलों को भोपाल के हमीदिया, एम्स और नर्मदा ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया है।

पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके से उछले पत्थर, टीन की चपेट में आने से 55 साल की अमीना बी का दाहिना हाथ शरीर से अलग हो गया। वह हमीदिया अस्पताल में भर्ती हैं

अमीना बताती हैं कि मंगलवार सुबह 11 बजे के करीब फैक्ट्री में आग लगी। आग दो राउंड में आग लगी। पहले आग लगी और धुआं उठा। इसके बाद फैक्ट्री में मौजूद 200 से ज्यादा लोग कारखाने से बाहर की ओर भागे। मैं भी भागी। अभी फैक्ट्री से 50 कदम ही चलकर रोड पर पहुंची थी, तभी फैक्ट्री में तेज आवाज के साथ धमाका हुआ। पीछे से जोर से कंधे में कुछ लगा। अब हाथ में क्या लगा? यह नहीं पता। कारखाने के बाहर टीन भी थी, वहां पत्थर भी थे। लेकिन, कंधे में आकर जो भी लगा, उसके टकराते ही शरीर से दाहिना हाथ अलग हो गया। मैं बेहोश होकर वहीं गिर गई। इसके बाद खुद को हरदा अस्पताल में पाया, जहां बोतल (ड्रिप) लगी थी। यहां से हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां 10वीं मंजिल पर स्थित वार्ड में रखा गया है।

अमीना कहती हैं कि फैक्ट्री में जब आग लगी, तब वहां 200 से ज्यादा लोग काम कर रहे थे। फैक्ट्री में बैरागढ़ गांव के अलावा आसपास के दूसरे गांव के मजदूर भी थे। हादसे के समय कारखाने में महिलाओं के साथ बच्चे भी थे। यह बच्चे 10 साल से ज्यादा उम्र के थे। वह कहती हैं- पहले राउंड की आग में कोई धमाका नहीं हुआ। केवल धुआं उठा था। इसके बाद फैक्ट्री से सभी लोग बाहर की ओर दौड़कर निकले। जब फैक्ट्री से दूर जाने के लिए सड़क की ओर जा रही थी, तभी फैक्ट्री में दोबारा तेज धमाका हुआ।

एक हजार पटाखे बनाने पर मिलते थे 220 रुपए

अमीना कहती हैं कि वह पटाखा फैक्ट्री में बीते दो साल से काम कर रही थीं। फैक्ट्री का मैनेजर हर हफ्ते मजदूरी का भुगतान करता था। मुझे एक हजार पटाखा बनाने पर 220 रुपए मिलते थे। परिवार में बेटा, बहू और एक बेटी है। शौहर का पहले इंतकाल हो चुका है। मैं पटाखा फैक्ट्री में काम करती थी। बेटा बाहर मजदूरी करके घर का खर्च चला रहा था।

अमीना बी ने बताया कि कारखाने में जहां पटाखा बनाने का काम होता था, वहां बिजली की लाइन बिछी थी। इस बिजली लाइन में शॉर्ट – सर्किट होते रहते थे। फैक्ट्री में जब भी शॉर्ट सर्किट होता था, उसके बाद बिजली सप्लाई बंद हो जाती थी और जनरेटर चालू हो जाता था

सब मजदूर मिलकर कराएंगे फैक्ट्री मालिक पर FIR

अमीना को एक बेटा और तीन बेटियां हैं। वह अपने बेटे और दो बेटियों की शादी कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि 3 मार्च को सबसे छोटी बेटी की शादी होना थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन हादसे ने बेटी की शादी की तैयारियों की रफ्तार धीमी कर दी है। अब चिंता 3 मार्च को बेटी की शादी की रस्में तय समय पर करने की है।

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