भौरासा नगर में एकमात्र स्वास्थ्य केंद्र, जो भगवान भरोसे चल रहा है, रोज़-रोज़ की अव्यवस्थाओं का केंद्र बन गया है। डॉक्टरों की कमी से लेकर सुविधाओं की कमी तक, यहां हर दिन कुछ न कुछ चर्चा का विषय बनता रहता है। इस नगर का दुर्भाग्य इसमें है कि 90 नेता, 9 पहलवान, और 1 नेता वाली कहावत यहां पूरी तरह से साबित होती है। भाजपा और कांग्रेस के दर्जनों नेता जिले तक की राजनीति का दावा करते हैं, पर इनकी पहुंच सिर्फ उनके घर से बाहर नहीं निकलती। इन नेताओं ने इस नगर के बारे में सोचने की बजाय भाषण बाजी की है।
यह नगर देवास जिले से मात्र 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, लेकिन इस अस्पताल का दौरा आज तक किसी भी जिला अधिकारी या कलेक्टर महोदय ने नहीं किया है। मीडिया ने इस अस्पताल के मुद्दे को कई बार उठाया है, लेकिन कई कलेक्टर महोदय आए और ट्रांसफर होकर चले गए हैं, लेकिन जिला अधिकारियों ने इस अस्पताल का निरीक्षण तक नहीं किया है। इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में यह स्पष्ट है कि जिले के इतने करीब होने के बावजूद यहां तक जिला अधिकारियों का पहुंचना एक समझ से परे है।
देवास जिला कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता से भौरासा नगर वासियों का कहना है कि उनके आगमन के बाद से देवास जिले में खातेगांव, कन्नौद, और कई अन्य क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया गया है, लेकिन अब तक भौरासा के अस्पताल का निरीक्षण नहीं हुआ है। भौरासा नगर के वासियों का आशा है कि जिलाधीश महोदय इसे ध्यानपूर्वक देखें और इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हो रही कमियों का समाधान करें।