देवास जिले के खोनपीरपिपलिया गांव से जुड़े एक कुछ लोगों की गिरफ्तारी के मामले में, जहां एक युवक रवि और उसकी मां को विवाह के लिए ठगने का शिकार होने की घटना हुई है। इस गैंग ने दो लाख रुपए लेकर रवि की शादी एक युवती से कराई थी, लेकिन शादी के आठवें दिन ही दुल्हन अपने साथियों के साथ फरार हो गई।
पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज किया, और इसमें चार गिरफ्तार कर लिए गए हैं, जो कोर्ट से जमानत भी मिल गई है। दुल्हन पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस घटना के पीछे आने वाले और इसे अन्धाधुंध सुलझाने के लिए पुलिस का कठिन पर्व बन गया है, क्योंकि इसमें कई और गैंग्स का भी संकेत हो रहा है।
दुल्हन, जिसका नाम राधिका है, ने ससुराल पहुंचकर सभी को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया। परिवार ने उसे खुशी-खुशी स्वीकार किया, और रावी की मां बहुत खुश थीं। इस दौरान उसने अच्छे रिश्ते बनाने का प्रयास किया, और इससे पहले कभी दुल्हन को ठगने का अनुभव नहीं किया गया था।
रवी ने शादी के लिए दो लाख रुपए उधार लिए, जिसके लिए उसने बाजार से कर्ज उठाया। शादी के बाद दुल्हन पक्ष ने आठ दिनों बाद कोर्ट में पहुंचकर अपना स्वरूप दिखाया, लेकिन इसमें कुछ गड़बड़ी थी।
राजेश सुनहरे नामक एक व्यक्ति ने रवि से मिलकर रिश्ते की बात की, और एक दिन में ही शादी का फैसला कर दिया गया। शादी की डिमांड में दो लाख रुपए थे, जो रवि ने और उसके जीजा ने मान ली।
हालांकि, दुल्हन के पते की जाँच के बाद पता चला कि यह फर्जी था और उसका पता उज्जैन में नहीं है। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी की है और जांच जारी है। इस घटना का सच सामने आने के बाद परिजनों को आशंका है कि यह केवल एक मामला नहीं, बल्कि मालवा निमाड़ में इस तरह की कई गैंग्स हो सकती हैं जो कुंवारे युवकों को धोखे से फंसा सकती हैं।